प्रेग्नेंसी में महिलाओं में खून की कमी के चलते एनीमिया की प्रॉब्लम देखने को मिलती है । इससे कैसे बचें ये जानने के लिए पढ़ें ये जरूरी बातें ।
New Delhi, Nov 05 : गर्भवती महिलाओं के अपने खान पान का पूरा ध्यान रखना होता है । 9 महीनों के गर्भकाल में गर्भस्थ शिशु पूरी तरह से अपनी मां पर निर्भर रहता है । वो जो भी खाती हैं या पीती हैं उसका पोषण पहले शिशु फिर महिला के शरीर को मिलता है । प्रेग्नेंसी के दौरान अकसर महिलाए एनीमिया की शिकार हो जाती है । एनीमिया यानी शरीर में खून की कमी । हार्मोनल चेंजेस के चलते महिलाओं में आयरन की कमी हो जाती है जिसका असर सीधे ब्लड में कमी के रूप में सामने आता है ।
खतरनाक हो सकती है खून की कमी
गर्भवती के शरीर में एनीमिया की प्रॉब्लम गर्भस्थ शिशु और मां दोनों के लिए खतरनाक हो सकती है । गर्भ में शिशु के विकास के लिए आयरन की मात्रा सही होनी चाहिए । अगर बॉडी में आयरन कम होगा तो महिला को थकान, चक्कर आना, कमजोरी,सिर में दर्द, हाथो पैरों का ठंडा होना जैसी परेशानियों से जूझना पड़ता है । बहुत कमी हो जाए तो उल्टी ज्यादा होने लगती है ।
आयरन की कमी से होता है एनीमिया
समय रहते अगर गर्भवती को आयरन की कमी पूरी नहीं की जाती तो वो एनीमिया की शिकार हो जाती है । प्रेग्नेंसी में मां को एनीमिया मतलब बच्चे में भी एनीमिया होने की पूरी संभावना हो जाती है । बच्चा कमजोर पैदा होता है, मानसिक रूप से अविकसित हो सकता है । इसके अलावा प्री मैच्योर डिलीवरी के भी चांसेज बढ़ जाते हैं ।
आयरन युक्त चीजों की मात्रा बढ़ाएं
गर्भवती महिला को पहले दिन से ही आयरन से भरपूर खाना खाना चाहिए । डॉक्टर्स भी सबसे पहले जो गोली खाने की सलाह देते हैं वो आयरनकी ही होती है । आयरन युक्त सब्जियां, फल आदि का सेवन करके आप लौह तत्व की कमी से दो-चार नहीं होते । ऐसी गर्भावस्था स्वस्थ मानी जाती है और बच्चा भी स्वस्थ पैदा होता है ।
ये है आयरन रिच भोजन
प्रेग्नेंसी में महिलाएं इस तरह की चीजों को ज्यादा से ज्यादा डायट में शामिल करें । वेजीटेरियन महिलाएं मूली के पत्ते, चौली का साग, शलजम, चुकन्दर, लोबिया और राजमा की दाल, पपीते के बीज या तिल के बीज का सेवन शुरू कर दें । नॉन वेजिटेरियन महिलाएं अपने भोजन में चिकन, मटन का सेवन बढ़ा दें ।
फोलेट का सेवन बढ़ाएं
ऊपर बताए गए खाद्य पदार्थों के अलावा डायट में ताजी हरी सब्जियां, बींस, स्प्राउट्स, सनफ्लाव के बीज और प्रोटीन युक्त सोयाबीन की मात्रा बढ़ाएं । प्रेगनेंसी में फोलेट का सही मात्रा में सेवन करने से ब्लड वेसल्स हेल्दी रहती हैं । और शरीर में रक्त की मात्रा और रक्त का संचार सुचारू रूप से होता रहता है । फोलेट नई कोशिकाओं के बनने में भी मदद करता है ।
विटामिन बी12 युक्त चीजें खाएं
ब्लड वेसल्स को हेल्दी रखने के लिए विटामिन बी 12 युक्त चीजों का सेवन बढ़ा देना चाहिए । डेरी प्रोडक्ट्स और नॉने वेज खाने में विटामिन बी 12 भरपूर मात्रा में पाया जाता है । जो महिलाएं गर्भधारण के दौरान दूध और अन्य डेयरी प्रोडक्ट का सेवन नहीं करतीं उनके लिए स्वस्थ रह पाना थोड़ा मुश्किल हो जाता है । कमजोरी और थकान की समस्या अधिक होने लगती है ।
विटामिन सी से भरपूर चीजें खाएं
गर्भवती महिलाओं को इस दौरान खट्टी चीजों को खाने का बहुत मन करता है । ये आपकी क्रेविंग के लिए ही नहीं बल्कि आपकी सेहत के लिए भी अच्छा माना जाता है । खट्टी चीजों में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में होता है । विटामिन सी शरीर में आयरन को एब्जॉर्ब करने के प्रोसेस को आसान बनाता है । संतरे, अमरूद, आंवले और मौसमी का सेवन इस दौरान ठीक रहता है ।
चुकंदर, किशमिश और अनार
खून बढ़ाने का रामबाण उपाय है चुकंदर और अनार । इन दोनों फलों को अपनी डायट में जगह दें । सुबह-शाम इन फलों का सेवन करें । आयरन की कमी नहीं होगी । प्रेग्नेंसी में आप कच्चे केले का सेवन भी कर सकती हैं, ये आयरन की मात्रा को बनाए रखता है । साथ ही गर्भावस्था में किशमिश खाना भी सेहत के लिए अच्छा माना जाता है ।