10 दिसंबर को हनुमान अष्टमी पड़ रही है, इस मौके पर जानें हनुमान जी को प्रसन्न करने का एक विशेष उपाय ।
New Delhi, Dec 08 : जीवन में किसी भी प्रकार के दुख या समस्याओं से जूझ रहे हैं, हर तरफ निराशा और हताशा ही हाथ लग रही है तो परेशान ना हो । हनुमान अष्टमी आ रही है । 10 दिसंबर को एक विशेष उपाय की शुरुआत करके आप जीवनभर के लिए चिंताओं से मुक्ति पा सकते हें । ये विशेष उपाय 21 दिनों तक करना है, इसकी विधि हम आपको आगे बताएंगे । उपाय करते हुए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है उन सावधानियों के बारे में भी आपको विस्तार से बताएंगे । पहले जाने आपको उपाय कौन सा करना है ।
चने, घी और गुड़
इस उपाय को करने के लिए आपको पाव भर भुने हुए चने लने हैं । गुड के 21 टुकड़ें कर लें । अब शुद्ध घी लें । रुई से 22 फूल बत्तियां बनाकर इन्हें घी में डाल दें । अब आपको इस सामग्री का इस्तेमाल 21 दिन तक रोज करना है । सभी समग्रियों को एक जगह रख लें । माचिस अादि भी साथ रखें ताकि आपको रोज ये प्रक्रिया करने में कुछ एूढ़ने की जरूरत ना पड़े ।
एकांत वाले हनुमान मंदिर को चुनें
ये उपाय आपको ऐसे हनुमान मंदिर में करना है जहां अधिक भीड़ ना आती हो । रविवार यानी हनुमान अष्टमी पर ये सारी सामग्री तैयार करके रख लें । मंगलवार सुबह नहा धोकर, माथे पर चंदन का तिलक लगाएं । एक साफ थाली में 11 चने के दाने, घी की एक बाती, गुड़ का टुकड़ा और माचिस लें । इसे किसी स्वच्छ कपड़े से ढक दें । अब मंदिर की ओर चलें ।
नंगे पैर जाने की सलाह
ये उपाय करने के लिए आपको घर से मंदिर तक रोज नंगे पांव ही जाना होगा । अपने साथ किसी को ना ले जाएं। रास्ते में किसी से बात करने की भी मनाही है । आपको पीछे पलटकर भी नहीं देखना । अगर आपसे ऐसी गलती हो जाती है तो उस दिन घर लौट आएं और अगले शुभ दिन से इसकी शुरुआत करें । लगातार 21 दिन तक इस उपाय को एक ही प्रक्रिया में दोहराना है ।
हनुमान चालीसा का पाठ
मंदिर पहुंचने के बाद सबसे पहले हनुमान जी को प्रणाम करें । घी की बाती जलाएं । अब प्रभु के समक्ष चने और गुड अर्पित करें । मन ही मन हनुमान जी से अपनी समस्याएं हर लेने को कहें । इसके बाद मंदिर में बैठकर ही हनुमानचालीसा का पाठ करें । कम से कम 7 बार हनुमान चालीसा का पाठ करें । इसके बाद मंदिर से घर के लिए वापस लौटें । याद रहे आपको रास्ते में किसी से नहीं बोलना है ।
ऐसे तोड़े अपना मौन
घर पहुंचकर मंदिर के समक्ष्ा बैठकर 7 बार राम का नाम लें और अपना मौन भंग करें । उपाय के दौरान रातित्र के समय सोने से पहले 11 बार हनुमानचालीसा का पाट करें । प्रभु से अपनी मनोकामना पूर्ण करने की प्रार्थन करें । ये प्रक्रिया पूरे 21 दिनों तक बिना नागा किए करनी है । अगर किसी भी दिन बीच में प्रक्रिया भंग होती है तो आपको सब कुछ दोबारा से करना पड़ेगा ।
22 वें दिन करें चूरमा अर्पण
21 दिन पूरे होने के बाद 22वें दिन पूजा खत्म होगी । इसके लिए गुड़, घी और आटे का चूरमा बनाएं । बची हुई एक बत्ती लेकर हनुमान मंदिर पहुंचे । हनुमान जी को चूरमे का भोग लगाएं । बचा हुआ प्रसाद स्वरूप अपने साथ घर ले आएं । घर आकर मौन तोड़ें और चूरमा ग्रहण करें । आपको दो समय सिर्फ चूरमा ही खाना है । बचा हुआ चूरमा प्रसाद के रूप में बांट दें । इस उपाय को करने से हर मनोकामना सिद्ध होती है ।
उपाय के दौरान बरतें ये सवाधानी
इस उपाय को आप किसी भी माह की चतुर्थी, नवमी और चतुर्दशी तिथि को छोड़कर कभी भी कर सकते हैं । या फिर शुक्ल पक्ष के मंगलवार से आरंभ कर सकते हैं । परिवार में यदि किसी की मृत्यु हो जाए तो 13 दिन बाद ही इस उपाय को करें । उपाय के दौरान दाढ़ बनवाना, नाखून काटना, बाल काटना जैसे काम नहीं करने चाहिए । उपाय केवल पुरुष कर सकते हैं, उपाय के दौरान ब्रह्मचर्य का पालन अनिवार्य है ।