इस मुकाबले में धोनी ने ना सिर्फ शानदार बल्लेबाजी की, बल्कि अपनी चौकन्नी नजरों से एक बार फिर से डीआरएस को धोनी रिव्यू सिस्टम साबित कर दिया।
New Delhi, Dec 11 : टीम इंडिया और श्रीलंका के बीच एकदिवसीय सीरीज का पहला मुकाबला रविवार को धर्मशाला में खेला गया, इस मैच को श्रीलंका की टीम ने सात विकेट से जीत लिया, मैच में महेन्द्र सिंह धोनी को छोड़ बाकी सारे भारतीय बल्लेबाज सुपर फ्लॉप साबित हुए, इस मुकाबले में धोनी ने ना सिर्फ शानदार बल्लेबाजी की, बल्कि अपनी चौकन्नी नजरों से एक बार फिर से डीआरएस को धोनी रिव्यू सिस्टम साबित कर दिया।
बुमराह को अंपायर ने दिया आउट
मैच में ये इंसीडेंट 32.6 ओवर में हुआ, जब गेंदबाज पाथिराना ने जसप्रीत बुमराह के खिलाफ एलबीडब्लयू आउट की अपील की, जिसके बाद अंपायर ने उन्हें आउट करार दे दिया, जैसे ही अंपायर ने बुमराह को आउट करार दिया, वो क्रीज छोड़ जाने लगे, तभी नॉन स्ट्राइकर छोर पर रखे माही ने डीआरएस लेने का इशारा कर दिया, यहां तक कि उन्होने इस बारे में बुमराह से बात तक नहीं की।
थर्ड अंपायर ने नॉट आउट करार दिया
जब इसका टीवी रिप्ले देखा गया, तो बॉल का इम्पेक्ट आउटसाइड ऑफ स्टंप था, यानी बॉल ऑफ स्टंप से बाहर चली जाती, जिसके बाद मैदान के अंपायर को अपना फैसला बदलना पड़ा। माही की वजह से ही जसप्रीत बुमराह आउट होने से बच गये, जब ये इंसीडेंट हुआ तब टीम इंडिया का स्कोर 33 ओवर में 8 विकेट पर 87 रन था। उस समय धोनी 40 और बुमराह 0 पर खेल रहे थे।
डीआरएस के मास्टर हैं धोनी
पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी को डीआरएस का मास्टर कहा जाता है, कुछ लोग तो इसे धोनी रिव्यू सिस्टम भी कहते हैं। दरअसल अब धोनी टीम इंडिया के कप्तान नहीं है, इसके बावजूद कई मौकों पर वो विराट कोहली से बिना बात किये ही अंपायर से डीआरएस मांग लेते हैं और वो सही हो जाता है, इसके साथ ही विराट ने अपने इंटरव्यू में कहा था कि उन्हें अभी भी डीआरएस लेने के लिये उनकी मदद लेनी पड़ती है, उनकी चौकन्नी नजर कमाल की है।
धर्मशाला में बुरी तरह से पिटी टीम इंडिया
टेस्ट सीरीज के बाद एकदिवसीय सीरीज का पहला मुकाबला धर्मशाला में खेला गया, लेकिन पहले ही मैच में टीम इंडिया के धुरंधर बल्लेबाज ताश के पत्तों की तरह ढह गये। आपको बता दें कि टीम इंडिया की तरफ से धोनी को छोड़ कोई भी भारतीय बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर सका, हालांकि जब धोनी बल्लेबाजी कर रहे थे, तो दूसरे छोर पर उनका साथ देने के लिये कोई नहीं था, जिसकी वजह से टीम सिर्फ 112 रन पर ऑलआउट हो गई ।
16 रन तक आधी टीम पवेलियन में
काफी लंबे समय बाद टीम इंडिया के बल्लेबाजों की ऐसी हालत हुई थी, 16 के स्कोर तक आधी टीम पवेलियन में बैठी थी। आपको बता दें कि रोहित शर्मा पहली बार टीम इंडिया की कप्तानी कर रहे थे, लेकिन वो किसी भी तरह से इस मैच को याद नहीं रखना चाहेंगे, क्योंकि वो ना तो बल्ले से कुछ खास कर सके और सिर्फ 2 रन बनाकर आउट हो गये, फिर मुकाबले में भी टीम इंडिया सात विकेट से हार गई।
भारतीय बल्लेबाजों ने किया निराश
धर्मशाला वनडे में धोनी को छोड़ टीम इंडिया के सभी बल्लेबाजों ने निराश किया, पारी का पहला ओवर सुरंगा लकमल ने फेंका, जो कि मेडन रहा, इसके बाद दूसरे ही ओवर में सलामी बल्लेबाज शिखर धवन चलते बनें, वो खाता भी नहीं खोल पाए, इसके बाद पांचवें ओवर में कप्तान रोहित शर्मा 2 रन बनाकर आउट हो गये, फिर दिनेश कार्तिक भी अपना खाता खोले बिना ही आउट हो गये, चौथे विकेट के रुप में मनीष पांडे भी कुछ खास नहीं कर सके और दो रन बनाकर चलते बने । अपना डेब्यू कर रहे श्रेयस अय्यर कुछ देर तक तो संघर्ष करते रहे, लेकिन 9 रन बनाकर वो भी चलते बने। 16 रन तक टीम के पांच बल्लेबाज पवेलियन में बैठे थे।
हार्दिक पांड्या ने तेज बल्लेबाजी की कोशिश की
पांच विकेट गिरने के बाद ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या और धोनी क्रीज पर थे, जिसके बाद पांड्या ने तेज बल्लेबाजी कर दबाव हटाने की कोशिश की, उन्होने 2 चौके लगाये, इससे पहले की वो कुछ खास करते, उन्होने ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंद पर बल्ला लगा दिया, स्लीप में खड़े फिल्डर ने उनका कैच पकड़ने में कोई गलती नहीं की, पांड्या ने 9 गेंदों में 10 रन बनाएं।
ऐसा लग रहा था न्यूनतम स्कोर का बनेगा रिकॉर्ड
धर्मशाला एकदिवसीय मैच में भारतीय बल्लेबाज ऐसे खेल रहे है, उसे देख लग रहा था कि टीम इंडिया शर्मनाक रिकॉर्ड बनाएगी, आपको बता दें कि भारतीय टीम का न्यूनतम स्कोर 54 रन है, 28 रन पर 6 विकेट गंवाने के बाद लग रहा था कि टीम इंडिया अपने न्यूनतम स्कोर 54 को भी पार नहीं कर पाएगी, फिर सातवें विकेट के रुप में भुवी भी खाता नहीं खोल पाए, 20 ओवर तक टीम इंडिया का स्कोर सिर्फ 29 रन था, और सात बल्लेबाज पवेलियन लौट चुके थे, इसके बाद माही और कुलदीप यादव के बीच एक साझेदारी हुई जिससे टीम 100 के आंकड़े को पार कर पाई।