टीम इंडिया के स्टार गेंदबाज बुमराह का सफर आसान नहीं रहा है, जसप्रीत जब सात साल के थे, तभी उनके पिता का देहांत हो गया था।
New Delhi, Dec 07 : टीम इंडिया के स्टार तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह बुधवार (6 दिसंबर) को 24 साल के हो गये, उनका जन्मदिन उनके लिये दोहरी खुशी लेकर आया, जन्मदिन से एक दिन पहले ही उन्हें दक्षिण अफ्रीका टूर के लिये टीम इंडिया में चुन लिया गया, आपको बता दें कि बुमराह का जन्म 6 दिसंबर 1993 को गुजरात के अहमदाबाद में एक पंजाबी परिवार में हुआ था। उनका बचपन भी वही बीता है।
7 साल की उम्र में पिता को खोया
बुमराह का स्टार गेंदबाज बनने का सफर आसान नहीं रहा है, जसप्रीत जब सात साल के थे, तभी उनके पिता का देहांत हो गया था, उनके पिता का नाम जसबीर सिंह था और वो केमिकल कारोबारी थे, पिता के गुजर जाने के बाद उनकी मां ने परिवार को संभाला और बुमराह के साथ-साथ उनकी बड़ी बहन की भी देखरेख की । आपको बता दें कि जसप्रीत बुमराह की मां स्कूल प्रिंसिपल हैं।
मां की वजह से सीखी यॉर्कर फेंकना
बुमराह की मां दलजीत कौर ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वो बचपन से ही क्रिकेट के दीवाने थे, भरी दोपहर में भी दीवार पर लगातार गेंदबाजी करते रहते थे, कई बार मैं उनकी बॉल की आवाज से परेशान हो जाती थी, और उनसे कहती थी कि या तो बॉल फेंकना बंद करो, या फिर अगर तुम्हें खेलना ही है, तो ऐसे बॉल फेंको की बॉल दीवार पर ना लगे, ताकि आवाज ना हो। जिसके बाद बुमराह ने दीवार और फ्लोर को जोड़ने वाले निचले हिस्से पर गेंदबाजी करनी शुरु कर दी, दलजीत कौर ने कहा कि मुझे नहीं पता था कि मेरी वजह से वो यॉर्कर बॉल फेंकना सीख लेगा और ऐसा गेंदबाज बन जाएगा।
बुमराह के फैसले से मां भी थी हैरान
जसप्रीत बुमराह ने 14 साल की उम्र में पहली बार अपनी मां से कहा कि वो क्रिकेटर बनना चाहते हैं, दलजीत कौर ने इंटरव्यू में बताया कि मुझे आज भी वो दिन याद है, जब वो मेरे पास आकर कहा कि मुझे क्रिकेटर बनना है, मैं हैरान थी, क्योंकि हर बच्चा क्रिकेट खेलता है, लेकिन टीम इंडिया के लिये खेलना आसान नहीं है, जसप्रीत में मुझसे कहा कि मुझ पर भरोसा रखो मां, मैं क्रिकेटर बनूंगा।
आईपीएल ने बदल दी किस्मत
इस तेज गेंदबाज की किस्मत आईपीएल ने बदल दी, उन्होने 4 अप्रैल 2013 को मुंबई इंडियंस की ओर से आरसीबी के खिलाफ डेब्यू किया, उन्होने इस मैच में 32 रन देकर तीन विकेट हासिल किये थे, वो पहले गेंदबाज थे, जिन्होने अपने डेब्यू मैच में तीन विकेट झटके हो। बुमराह को डेथ ओवर का स्पेशलिस्ट गेंदबाज कहा जाता है, आखिरी के ओवरों में जब बल्लेबाज जरुरत से ज्यादा आक्रामक रहते हैं, तो बुमराह को गेंद सौंपी जाती है, ताकि वो बल्लेबाजों पर नकेल कस सकें।
2016 में टीम इंडिया में मिला मौका
आईपीएल में लगातार अच्छा परफॉरमेंस करने के बाद उन्हें साल 2016 में टीम इंडिया में मौका मिला। तब से वो लगातार सीमित ओवरों की टीम में जगह बनाये हुए हैं, हालांकि टेस्ट कैप का अभी भी उन्हें इंतजार है। बुमराह ने जब टीम इंडिया में डेब्यू किया था, तो कुछ पूर्व क्रिकेटरों और समीक्षकों ने उनके बॉलिंग एक्शन को लेकर सवाल उठाये थे, एक पूर्व पाकिस्तानी तेज गेंदबाज ने कहा था कि जिस तरह का उनका बॉलिंग एक्शन है, वो लंबे समय तक क्रिकेट नहीं खेल पाएंगे।
पोता है स्टार, दादा चलाते हैं ऑटो रिक्शा
टीम इंडिया के तेज गेंदबाज के दादा का नाम संतोक सिंह है, वो इन जिनों काफी बुरी स्थिति में हैं, और ऑटो चलाकर अपना गुजारा कर रहे हैं, संतोक सिंह की उम्र करीब 84 साल है, वो कुछ साल पहले तक अहमदाबाद में ही रहते थे, मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार एक समय में उनकी 3 फैक्ट्रियां हुआ करती थीं, लेकिन धीरे-धीरे सबकुछ बिगड़ गया। साल 2001 में उनके बड़े बटे और जसप्रीत के पिता के निधन के बाद परिवार के हालात अचानक खराब हो गये, बड़े बेटे की मौत के बाद परिवार कभी संभला नहीं, बिजनेस में घाटा हुआ, बैंक लोन चुकाने के लिये तीनों फैक्ट्रियां बेचनी पड़ गई।
दक्षिण अफ्रीका दौरे पर मिल सकता है टेस्ट कैप
सीमित ओवरों के स्पेशलिस्ट गेंदबाद बुमराह को दक्षिण अफ्रीका दौरे के लिये टीम में शामिल किया गया है, आपको बता दें कि 17 सदस्यीय टीम में 5 तेज गेंदबाज के साथ-साथ हार्दिक पांड्या भी है, जब चयनकर्ताओं से बुमराह के सलेक्शन को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होने बताया कि उनके प्रदर्शन में निरंतरता है, वो अपनी गेंदबाजी से अफ्रीका की तेज पिचों पर बल्लेबाजों को परेशान कर सकते हैं।
अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड
जसप्रीत बुमराह ने अब तक 28 वनडे मैचों में 52 विकेट हासिल किये है, इस दौरान उन्होने एक बार पांच विकेट भी हासिल किया है, उनका सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी 27 रन देकर 5 विकेट हासिल करना रहा। इसके अलावा उन्हें 30 टी-20 मैचों में भी टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व करने का मौका मिला है, जिसमें उन्होने 40 विकेट हासिल किये हैं।